हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का ,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का ,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते ,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का!
हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का ,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का ,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते ,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का!
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