कुमार विश्वास की शायरी

तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न

तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न 🎤😊,दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है 📜,तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र 🎤😊,मुझे कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है 👍📜

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भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा 👍,हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा 🎤,अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का 😊,मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा 😊

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कोई कब तक महज सोचे

कोई कब तक महज सोचे 🎤,कोई कब तक महज गाए 📜,ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाए 📜,मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले 😊,मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाए 🎤🎶

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तुम्हीं पे मरता है ये दिल

तुम्हीं पे मरता है ये दिल 🎶📜, अदावत क्यों नहीं करता 😊,कई जन्मों से बंदी है 📜, बग़ावत क्यों नहीं करता 😊🎶,कभी तुम से थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से 🎤🎶,मेरी तारीफ़ करता है 🎤🎶, मुहब्बत क्यों नहीं करता 📜

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मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया

मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया 🎶😊,अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया 🎶😊,तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है मुझे 👍,मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया 🎶

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